उत्तर प्रदेश में बढ़ते साइबर अपराधों को देखते हुये प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश पुलिस ने अब लगाम कसने की तैयारी कर ली है। इसके लिए योगी सरकार द्वारा जल्द ही प्रदेश में एक साइबर मुख्यालय की स्थापना की जाएगी। जिसमें साइबर अपराधों से निपटान के लिए आधुनिक तकनीक के साथ विशेषज्ञ की टीम भी मौजूद रहेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका ऐलान सोमवार को यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस लखनऊ (UPSIFS) में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान किया। मौजूदा समय में साइबर क्राइम हेड क्वार्टर लखनऊ के शहीद पथ स्थित सिग्नेचर बिल्डिंग में है ।
UPSIFS में तीसरे स्थापना दिवस पर सीएम बोले
मुख्यमंत्री ने कहा कि समय के साथ अपराध करने के तरीके बदल रहे हैं और अब डिजिटल प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग तेजी से बढ़ा है। ऐसे में पुलिस और जांच एजेंसियों को तकनीक से लैस करना बेहद जरूरी हो गया है। प्रदेश में साइबर मुख्यालय बनने से न सिर्फ ऑनलाइन ठगी, हैकिंग और डिजिटल अरेस्ट जैसे अपराधों पर काबू पाया जा सकेगा, बल्कि आम जनता को भी ऐसे खतरों से निपटने का माहौल मिलेगा। प्रदेश सरकार का यह कदम उत्तर प्रदेश पुलिस को तकनीकी रूप से और मजबूत करेगा ।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के सभी जिलों में साइबर थाने और प्रत्येक थाने में साइबर हेल्प डेस्क इकाई पहले से स्थापित हैं। इसके अलावा फोरेंसिक विज्ञान की मदद से अपराधों को तेजी से सुलझाया जा रहा है मुख्यमंत्री का मानना है कि साइबर मुख्यालय बनने से प्रदेश की साइबर सुरक्षा और मजबूत होगी और ऑनलाइन ठगी से लेकर अन्य डिजिटल अपराधों पर सख्त कार्रवाई संभव हो सकेगी।
यूपी में 48 घंटे में हल हो रहे बड़े केस
इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) में आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय समिट “साइबर युद्ध के आयाम, बहुपक्षीय कानूनी ढांचे, फॉरेंसिक और रणनीतिक प्रतिकार” उद्घाटन किया।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब अपराधों को सुलझाने में फॉरेंसिक विज्ञान बड़ी भूमिका निभा रहा है। पहले जहां अपराधी पुलिस को लंबे समय तक परेशान करते थे, वहीं अब 24 से 48 घंटे में बड़े से बड़े मामले भी सुलझाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संस्थान के तीसरे स्थापना दिवस पर आयोजित हो रहा यह विचार मंथन सभी के लिए ज्ञान का अमृत साबित होगा और प्रदेश में अपराध नियंत्रण के प्रयासों को और मजबूती प्रदान करेगा।
हर रेंज में बनेगी फॉरेंसिक लैब
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संबोधित करते हुये कहा कि वर्ष 2017 से पहले प्रदेश में सिर्फ चार फॉरेंसिक लैब थीं, जिनकी संख्या बढ़ाकर अब 12 कर दी गयी हैं और छह फॉरेंसिक लैब और बनाई जा रही हैं। जल्द ही यूपी की सभी 18 पुलिस रेंज में फॉरेंसिक लैब की स्थापना होगी। उन्होंने वर्तमान सरकार की तारीफ करते हुये कहा कि पिछली सरकार ने प्रदेश भर में सिर्फ एक साइबर थाना खोला था, जबकि मौजूदा सरकार ने हर जिले में साइबर थाने और साइबर हेल्प डेस्क स्थापित किए हैं।
सीएम ने अपने भाषण में “ऑपरेशन सिंदूर” का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सभी ने देखा कि कैसे ड्रोन और मिसाइलों के जरिए साइबर युद्ध लड़ा गया। ऐसे में तकनीक आधारित सुरक्षा समाधान ही सबसे कारगर उपाय हैं।
इस मौके पर उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी राजीव कृष्ण ने कहा कि प्रदेश की पुलिस स्मार्ट पुलिसिंग की दिशा अग्रसर है। वहीं, भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि भारत तकनीक के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर काम कर रहा है। भारतीय कंपनियां अब ई-मेल और वॉइस आधारित एआई सिस्टम तक विकसित कर रही हैं। कार्यक्रम में गृह विभाग के प्रमुख सचिव संजय प्रसाद और आईटी विभाग के प्रमुख सचिव अनुराग यादव, संस्थान के निदेशक डॉ. जीके गोस्वामी भी मौजूद रहे।