महाराष्ट्र की ठाणे पुलिस ने साइबर अपराध का बड़ा खुलासा करते हुए गोवा के एक होटल से सात लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह बेरोजगार युवाओं को नौकरी का लालच देकर उनके नाम पर बैंक खाते खुलवाता था और फिर उन्हीं खातों का इस्तेमाल ठगी और ऑनलाइन गेमिंग फ्रॉड में करता था। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो लैपटॉप, 30 मोबाइल फोन, 11 पासबुक, कई एटीएम कार्ड और सिम कार्ड भी बरामद किए हैं।
ऐसे देते थे नौकरी का लालच
पुलिस की जांच में सामने आया कि यह गिरोह खासतौर पर बेरोजगार युवाओं को निशाना बनाता था। साइबर अपराधी कम उम्र के बेरोजगार युवाओं से नौकरी दिलाने की बात कहकर उनसे बैंक अकाउंट खुलवाते थे। जिसके बदले में उन्हें मामूली रकम भी दी जाती थी। बेरोजगार युवकों की जानकारी पर खाते खुलवाने के बाद पासबुक, एटीएम और सिम कार्ड अपने पास रख लेते। बाद में इन्हीं खातों का इस्तेमाल ठगी के पैसों को इधर-उधर करने और ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी के लेनदेन के लिए किया जाता था।
ऐसे हुआ रैकेट का खुलासा
पूरा मामला तब सामने आया जब एक पीड़ित युवक ने थाने में अपनी शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के मुताबिक उसके नाम से बैंक खाता खोला गया और खाते से जुड़ा सिम कार्ड साइबर ठगी में इस्तेमाल हो रहा है। आरोपियों ने युवक को नौकरी दिलाने का वादा किया था, लेकिन जब उसे कोई काम नहीं मिला तो उसने बैंक से संपर्क किया। बैंक से जानकारी मिली कि उसका खाता अवैध लेनदेन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। जिसके बाद पुलिस ने जांच करते हुये गोवा में सक्रिय इस गिरोह तक पहुंच गई।
80 से ज्यादा लोगों को बनाया शिकार
पुलिस के मुताबिक, अब तक यह गिरोह लगभग 80 बेरोजगार युवाओं को धोखा दे चुका है। हर बार युवाओं को करीब 5 हजार रुपये देकर उनके नाम पर खाते खुलवाए जाते। अपराधी एजेंटों की मदद से पासबुक, एटीएम और सिम कार्ड की पूरी किट हासिल का लेते थे। गिरफ्तारियों से बचने के लिए यह गिरोह हर 15 दिन में अपना ठिकाना बदल लेता था।
कौन हैं गिरफ्तार आरोपी
ठाणे पुलिस ने इस मामले में सात आरोपियों को पकड़ा है। इनमें आनंद अशोक मेघवानी (34, मध्य प्रदेश), सौरभ शर्मा (40, छत्तीसगढ़) और बिहार के लालचंद मुखिया (25), गौरव यादव (25), रोहित यादव (21), भोला प्रदीप यादव (21), और राजकुमार यादव (21) शामिल हैं। पुलिस ने उनके पास से बड़ी संख्या में मोबाइल फोन, लैपटॉप और बैंकिंग से जुड़े दस्तावेज जब्त किए हैं।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
पुलिस निरीक्षक अतुल अदुरकर ने बताया कि सभी आरोपियों पर धारा 318(4)बीएनएस और आईटी अधिनियम की धाराओं के तहत केस दर्ज कार्यवाही की जा रही है। नेटवर्क के बारे में जानकारी करने के लिए सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ठगी की रकम के बारे में भी जानकारी कर रही है। पुलिस ने चेतावनी दी है कि किसी भी अनजान व्यक्ति या एजेंट को अपनी पासबुक, एटीएम और सिम कार्ड कभी न सौंपें। छोटी सी लापरवाही भी आपको बड़े साइबर अपराध में फंसा सकती है।