बांदा पुलिस की साइबर क्राइम शाखा ने ऑनलाइन बेटिंग और साइबर ठगी करने वाले एक अंतरराज्यीय गिरोह का पर्दाफाश किया है। पुलिस ने चित्रकूट से तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जबकि गिरोह का मुख्य सरगना अभी भी फरार चल रहा है।
बैंक पासबुक और एटीएम लेकर करते थे साइबर ठगी
अपर पुलिस अधीक्षक शिवराज और पुलिस उपाधीक्षक (साइबर क्राइम) सौरभ सिंह ने बताया कि बदौसा थाना क्षेत्र के एक व्यक्ति ने एक शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायतकर्ता के मुताबिक चित्रकूट के राघवपुरी निवासी राजकुमार ने उसे 10 से 15 हजार रुपये कमाने का लालच देकर बैंक पासबुक, एटीएम और अन्य दस्तावेज मांगे थे। पुलिस की जांच में सामने आया कि राजकुमार एक बड़े अंतरराज्यीय गिरोह से जुड़ा हुआ है, जो गोवा में बैठकर ऑनलाइन बेटिंग और साइबर ठगी की घटनाओं को अंजाम देता है।
मिली जानकारी के अनुसार पुलिस ने सोमवार देर शाम अतर्रा राइस मिल के पास से चित्रा गोकुलपुर निवासी दीपक कुमार, संग्रामपुर निवासी कृष्ण कुमार कुशवाहा और राघवपुरी निवासी राजकुमार सोनकर को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ठगी में इस्तेमाल की गई चेकबुक, पासबुक, तीन अदद मोबाइल फोन, आधार कार्ड और फर्जी दस्तावेज, 16 चूडियां और एक वाहन बरामद हुआ है।
छत्तीसगढ़ का रहने वाला है मुख्य सरगना
पुलिस के मुताबिक गिरोह का मुख्य सरगना रायपुर (छत्तीसगढ़) के ठक्कर बापा गुड़ियारी गांव का रहने वाला आकाश उर्फ रजनीश कुमार द्विवेदी है। आकाश बांदा, चित्रकूट समेत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में लोगो के बैंकिंग कागजात हासिल करने के लिए एजेंट तैयार करता था। उसके द्वारा तैयार किए गए एजेंट भोले-भाले लोगों को 10-15 हजार रुपये का लालच देकर उनके बैंक अकाउंट की डिटेल, पासबुक और एटीएम अपने कब्जे में ले लेते थे।
पुलिस मुख्य आरोपी आकाश की तलाश कर रही है। गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर विजय कुमार सिंह, उपनिरीक्षक आकाश शुक्ला, हिमांशु वर्मा और ललित कुमार शामिल रहे।