हाल ही में स्विस साइबर सिक्योरिटी फर्म Acronis Cyberthreats की ताज़ा रिपोर्ट ने साइबर जगत में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारत अब दुनिया का सबसे बड़ा साइबर अटैक टारगेट बन चुका है। इस मामले में भारत ने अब ब्राजील और स्पेन जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है।
भारत में बढ़ रहा है साइबर खतरा
एक्रोनिस साइबरथ्रेट की रिपोर्ट के अनुसार, मई 2025 में भारत में विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम पर आधारित 12.4% डिवाइस मैलवेयर से संक्रमित पाए गए। यह आंकड़ा एक ही महीने में बढ़कर 13.2% तक पहुंच गया, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है।
क्या होता है मैलवेयर?
मैलवेयर एक खतरनाक प्रोग्रामिंग सॉफ्टवेयर या कोड होता है, जिसे हैकर्स द्वारा सिस्टम को कब्जे में लेने और उसमें सेंध लगाने के लिए बनाया जाता है। इसके ज़रिए हैकर्स न सिर्फ डेटा चुराते हैं बल्कि डिवाइस पर पूरा कंट्रोल भी हासिल कर सकते हैं।
2024 की तुलना में 5 फीसद बढ़ गए साइबर अटैक
रिपोर्ट में बताया गया कि आधिकारिक ईमेल अकाउंट्स पर होने वाले हमले 2024 की शुरुआत में 20% थे, जो 2025 की पहली छमाही में बढ़कर 25.6% हो गए। यानी साइबर क्राइम का खतरा तेजी से बढ़ा है।
एआई से और हाइटेक हुए साइबर अपराधी
सिक्योरिटी फ़र्म की रिपोर्ट के अनुसार मौजूदा समय में जेनरेटिव एआई (Generative AI) ने हैकर्स का काम आसान कर दिया है। अब फिशिंग ईमेल, नकली इनवॉइस और डीपफेक स्कैम पहले से और ज्यादा घातक हो गए हैं। जिन्हें ट्रेक कर पाना मुश्किल हो गया हैं। जिसके जरिये साइबर अपराधी पासवर्ड, क्रेडिट कार्ड डिटेल्स और अन्य संवेदनशील जानकारी बड़ी आसानी से चुरा लेते हैं।
कौन से सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित?
Acronis Cyberthreats की रिपोर्ट बताती है कि भारत में टेलीकॉम इंडस्ट्री, आईटी सर्विसेज और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। खासकर कोविड के बाद वर्क फ्रॉम होम अपनाने से कंपनियां रिमोट सेटअप के ज़रिए अधिक असुरक्षित हो गई हैं।
भारत के बड़े टारगेट होने का कारण
भारत का तेजी से बढ़ता डिजिटल इकोसिस्टम, बढ़ता ऑनलाइन लेन-देन और विशाल यूज़र बेस हैकर्स को पसंद आ रहा है। जिसके कारण यह हैकर्स की लिस्ट में सबसे ऊपर है। रिपोर्ट में चेतावनी दी गयी है कि अगर अभी से सुरक्षात्मक कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में देश और अधिक संकट में फंस सकता है।