नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी नए आंकड़ों के अनुसार देश में साइबर अपराध बढ़ा है। तेलंगाना और कर्नाटक जैसे राज्यों में साइबर अपराधों के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है। यहाँ साइबर अपराध की दर अन्य राज्यों के तुलना में काफी ज्यादा है। तेलंगाना में साइबर अपराध की दर सबसे ज़्यादा 40.3 प्रतिशत है। जो राष्ट्रीय दर 4.8 प्रतिशत की तुलना में करीब 10 गुना ज़्यादा है।
वर्ष 2022 के लिए एनसीआरबी द्वारा एकत्रित किए गए मध्य वार्षिक आंकड़ों के अनुसार तेलंगाना में साइबर अपराध की दर देश में सबसे अधिक 40.3 प्रतिशत है। कर्नाटक भी ज्यादा अपराध दर वाले राज्यों में मुख्य रुप से शामिल है। इसके अलावा महाराष्ट्र, असम, आंध्र प्रदेश में साइबर अपराध की दर क्रमशः 6.6, 4.9 और 4.4 प्रतिशत दर्ज की गयी। उत्तर प्रदेश और ओडिशा में अपराध दर की प्रतिशतता 4.3 और उत्तराखंड में 4.8 रही।
केंद्र शासित प्रदेशों में पुडुचेरी सबसे ऊपर
केंद्र शासित प्रदेशों की सूची में दिल्ली 3.2 की अपराध दर के साथ साइबर अपराध की घटनाओं में वृद्धि हुई है। इस मामले में केंद्र शासित प्रदेश की सूची में पुडुचेरी सबसे ऊपर है।
महाराष्ट्र में वर्ष 2022 में 1,257 लाख की आबादी पर कुल 8,249 फाइनेंशियल फ्रॉड के मामले दर्ज किए गए। पश्चिम बंगाल ने 0.4 की साइबर अपराध दर के साथ कई राज्यों से बेहतर प्रदर्शन किया है।

पिछले 8 साल में तीन गुने हुये मामले
दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में, कुल 454 साइबर अपराध दर्ज किए गए थे, जो कि वर्ष 2024 में कुल 1,591 दर्ज हुये वित्तीय मामलों का लगभग एक तिहाई है। वर्ष 2025 के ताजा आंकड़ों के अनुसार दिल्ली के लोगों ने जून 2025 के अंत तक 184 साइबर अपराध की घटनाओं में कुल 70.64 करोड़ रुपये गंवाए। ऐसे ही साल 2021 के लिए करीब 1,630 साइबर धोखाधड़ी के मामलों ने दिल्ली के निवासियों को 91 करोड़ रुपये का नुकसान पहुँचाया।
राष्ट्रीय क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) साइबर अपराध दर की गणना राज्य या केंद्र शासित प्रदेश में निवासित जनसंख्या और उसमें एक साल के दौरान पंजीकृत किए गए साइबर अपराध के मामलों की संख्या से विभाजित करके तय करता है।
गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में दी जानकारी
इससे पहले देश के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में जानकारी देते हुये बताया कि सरकार देश में साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए प्रतिबद्ध है। साइबर अपराध के रोकथाम के उपायों पर काम करते हुये दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराध की जटिलताओं को सुलझाने के उद्देश्य से IFSO (Intelligence Fusion and Strategic Operations) यूनिट की स्थापना की है। यह यूनिट नवीनतम उपकरणों और सॉफ्टवेयर से लैस है
दिल्ली के सभी जिलों में एक-एक साइबर थाना भी वर्ष 2022 से स्थापित हैं। इसके अलावा साइबर अपराध से प्रभावित महिलाओं के लिए सभी पुलिस थानों में महिला हेल्प डेस्क इकाई भी कार्य कर रही है। महिला और बच्चों के प्रकरणों को देखने के लिए महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष पुलिस इकाई भी क्रियान्वित है।
अपराध रोकने की दिशा में काम कर रही सरकार
राज्य मंत्री ने कहा कि व्यापक और समन्वित तरीके से साइबर अपराध को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने वर्ष 2018 में भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) की स्थापना की। साथ ही नेशनल साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, Citizen Financial Cyber Fraud Reporting and Management System (CFCFRMS) और अत्याधुनिक Cyber Fraud Mitigation Centre (CFMC) भी शुरू किए गए हैं। CFMC संदिग्ध वित्तीय ट्रांजेक्शंस की पहचान करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।

इसके अलावा, सरकार ने National Cyber Forensic Laboratory (NCFL) की स्थापना की है। जांच एजेंसियों और आम नागरिकों को Cytrain पोर्टल के जरिए साइबर सुरक्षा से जुड़े मुफ्त ऑनलाइन कोर्स उपलब्ध कराए जा रहे हैं, ताकि उन्हें डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक और सक्षम बनाया जा सके।