लखनऊ पुलिस ने अंतरराज्यीय गिरोह के 16 साइबर ठगों को गिरफ्तार किया। ये सभी आरोपी पहले लोगों को टेलीग्राम के जरिये झांसे में लेकर बेटिंग साइट पर पैसे जमा कराते थे फिर उन रुपयों को किराए पर लिए बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करते और फिर ATM से निकाल लेते। अपराधी इसके लिए रेंट पर लिए अकाउंट के खाता धारकों को पैसे भी देते थे। साइबर ठग पिछले 6 महीनों से लखनऊ में रहकर यह गोरखधंधा चला रहे थे।
लखनऊ पुलिस कमिश्नर एडीजी अमरेंद्र सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि गुडंबा पुलिस को सूचना मिली थी कि कुर्सी रोड स्थित स्मृति अपार्टमेंट के फ्लैट संख्या 403 में कुछ बाहरी लोग बेटिंग एप के जरिये लोगों के साथ साइबर ठगी कर रहे हैं। बोली और भाषा से किसी दूसरे राज्य के लगते हैं। जिस पर डीसीपी पूर्वी की टीम के साथ संयुक्त कार्यवाही की गयी ।
थाना पुलिस ने सूचना देने वाले की निशानदेही पर गुडम्बा थाना क्षेत्र स्थित स्मृति अपार्टमेंट पर छापा मारा। जहां से गुजरात के मेहसाणा के रहने वाले गोविन्द भाई, मंगलदास प्रजापति, शंकर बाग, विनायक चौहान, गोविंद भाई, राकेश कुमार, राकेश प्रहलाद पटेल, अभय मिश्रा, अंश शर्मा, मोहन सिंह और विजय सिंह और दुर्ग (छत्तीसगढ़) के रहने वाले प्रमोद साहू, साजिद अंसारी, खेमेन्द्र साहू, सोहैल अशरफ खान, टिकैश कुमार, सचिन को गिरफ्तार किया गया। ये सभी लोग करीब छह महीनों से स्मृति अपार्टमेंट मे किराए पर रह रहे थे।
डिजिटल प्लेटफॉर्म पर चलाते थे सट्टेबाज़ी का खेल
पुलिस द्वारा पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह लोटस गेमिंग वेबसाइड के माध्यम से लोगों को ऑनलाइन बेटिंग गेम खेलने का प्लेटफार्म उपलब्ध कराते थे। यूजर भरोसा करके इस साइट के जरिए जो पैसा जमा करता, उसे किराए पर लिए बैंक खातों में ट्रांसफर करा लिया जाता था। ज्यादा रकम के कारण खाते ब्लॉक न हो जाएं, इसलिए धनराशि को तुरन्त ATM से निकाल कर रख लेते। लखनऊ पुलिस गिरोह में शामिल लोगों, गेमिंग साइट के संचालक एवं रेंट पर खाते देने वालों की पहचान करने का प्रयास कर रही है। लखनऊ पुलिस कमिश्नर ने गिरोह का भंडाफोड़ करने वाली पुलिस टीम को एक लाख रुपए देने की घोषणा की है।
खाते के बदले किराया देते थे साइबर ठग
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि आरोपी पहले लोगों को लालच देकर उनके बैंक खाते खुलवाते थे। बाद में ये खाते किराए पर ले लेते थे। आरोपी इन खातों में इकट्ठी हुई रकम मंगवाते और एटीएम से नकद निकाल लेते थे। पुलिस ने इनके पास से 3 लैपटाप, दो कैश काउंटिंग मशीन, 22 पासबुक, 13 चेकबुक, 79 डेबिट कार्ड, 30 मोबाइल और नगद एक करोड़ से ज्यादा रुपए भी बरामद किए गए।
दुबई में बैठकर ठगी को अंजाम दे रहा था सरगना
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक यह गिरोह अब तक 100 करोड़ से भी ज्यादा की ठगी कर चुका है। जानकारी के अनुसार गिरोह का सरगना दुबई मे बैठकर इस पूरे नेटवर्क को चला रहा है। साइबर जालसाज छोटी रकम लगाने पर जीता देते थे और बड़ी रकम लगाने पर हरा दिया जाता था।