दिल्ली पुलिस ने लक्ष्मीनगर में एक ऐसा गैंग का पर्दाफाश किया है। जो क्रिप्टो करेंसी डील का झांसा देकर लोगों के साथ धोखेबाजी कर रहा था। मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 3 लाख रुपये नकद और एक कार बरामद हुई है। पुलिस गिरोह में शामिल अन्य लोगों के बारे में जानकारी कर रही है।
दिल्ली पुलिस की एक टीम बीते 3 सितंबर की रात करीब 9 बजे आईटीओ पुल के पास गश्त पर थी। तभी उन्होंने एक संदिग्ध काली कार के पास हंगामा होता हुआ देखा। पास जाकर जानकारी करने पर पूछताछ में पता चला कि अमित कुमार, लोकेंद्र और महिपाल नामक तीन युवक क्रिप्टो की सस्ती डील का वादा करके कार में बिठाए गए थे। लेकिन इसके बाद उनकी पूरी रकम लूट ली गई।
धमकाकर 20 लाख रुपए की मांग
पीड़ितों के मुताबिक उनके पास कुल 5 लाख रुपये थे। लोकेंद्र के पास 2 लाख, महिपाल और अमित के पास डेढ़-डेढ़ लाख रुपए थे। आरोपी इम्तियाज अली और रंजीत कुमार ने पहले रुपयों की गिनती का बहाना बनाकर रकम अपने कब्जे में कर चाकू दिखाकर धमकाया। हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपियों ने खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताकर पीड़ितों से अतिरिक्त 20 लाख रुपये देने की मांग भी की।
पीड़ितों को धमकी दी गई कि अगर उन्होंने पैसे नहीं दिए तो झूठे केस में फंसा दिया जाएगा। जैसे ही कार आईटीओ ब्रिज की ओर बढ़ी, हालात भांपकर पीड़ितों ने जोर से चिल्लाना शुरू किया। पास में गश्त कर रही पुलिस ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दोनों आरोपियों को धर दबोचा।
पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ कि इस गिरोह के काम करने का तरीका लगभग एक जैसा रहता था। ये अपराधी पहले क्रिप्टो डील का झांसा देकर लोगों को लुभाते, फिर नकद रकम लेकर चाकू की नोक पर लूटपाट करते। पीड़ित किसी से शिकायत न करें इसके लिए वह खुद को साइबर क्राइम अधिकारी बताते और छोड़ने के एवज में भारी रकम मांगते।
अन्य आरोपियों की तलाश जारी
पुलिस ने पकड़े गए आरोपी इम्तियाज की निशानदेही पर गाड़ी की ड्राइविंग सीट के नीचे से काला बैग भी बरामद किया, जिसमें 3 लाख रुपये मिले। पुलिस इस गिरोह द्वारा लोगों के साथ पहले हुई ठगी और लूटपाट के संबंध में जानकारी कर रही है। पुलिस इस मामले में अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है।








