24 नॉर्थ परगना के बिधाननगर साइबर क्राइम पुलिस ने बंधन बैंक के पाँच कर्मचारियों को ₹2.47 करोड़ की साइबर ठगी में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों को कोलकाता और झारखंड से गिरफ्तार किया गया है। इनपर ग्राहकों की निजी जानकारी साइबर अपराधियों को बेचने का आरोप है।
पश्चिम बंगाल साइबर अपराध शाखा के अनुसार गिरफ्तार आरोपी बंधन बैंक में काम करते है। इनके द्वारा बैंक के सीबीएस (कोर बैंकिंग सिस्टम) में सेंध लगाकर ग्राहकों का निजी डाटा चुराकर साइबर ठगों को मोटे पैसे लेकर बेचा जा रहा था। इसी निजी जानकारी का इस्तेमाल ठग ग्राहकों से संपर्क करने के लिए करते थे।
ऐसे फंसाए जाते थे ग्राहक
ग्राहकों की जानकारी हासिल करने के बाद साइबर ठग खुद को बैंक का मैनेजर बताकर फर्जी WhatsApp कॉल, एसएमएस और कॉल करते थे और उनके अधूरे KYC का बहाना बनाकर लोगों से निजी और बैंकिंग जानकारी हासिल कर लेते। जिसके बाद उनके लिए पैसों की ठगी करना आसान हो जाता।
एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने जानकारी देते हुये बताया कि अपराधियों द्वारा ठगी के दौरान नकली बैंक लोगो (logo) का इस्तेमाल ग्राहकों को भरोसे में लेने के लिए किया जाता था। जिससे उनपर किसी तरह का शक न हो। इस घटना से बैंक की प्रतिष्ठा को गहरी चोट पहुँची है। बंधन बैंक निजी सेक्टर की प्रतिष्ठित बैंक है।
जून माह में दर्ज कराई गयी शिकायत
दरअसल यह पूरा मामला सामने तब आया जब जून माह में बंधन बैंक ने पश्चिम बंगाल के बिधाननगर साइबर क्राइम पुलिस थाना में ग्राहकों के साथ साइबर ठगी के संबंध में शिकायत दर्ज कराई। जुलाई में मुकदमा दर्ज कर काम करते हुये पुलिस ने जांच शुरू की तो धीरे-धीरे परतें खुलती गईं। फिलहाल साइबर क्राइम ब्रांच इस धोखाधड़ी में शामिल अन्य लोगों के बारे में पता लगाने का प्रयास कर रही है।
पुलिस ने इस ठगी के मामले में हजारीबाग शाखा के सीआरओ यशवंत प्रसाद (34), जामताड़ा शाखा के सीआरओ शुभम कुमार (30) और धनबाद की सरायढेला शाखा के सेल्स मैनेजर सौरव कुमार सिंह (30) को बीते 11 से 18 अगस्त के मध्य गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपियों ने पूछताछ के बाद दो और नाम के खुलासे किए । जिसके बाद 22 अगस्त को सीआरओ याशिर अराफात (27) और मेटियाब्रुज शाखा के सेल्स मैनेजर असद रज़ा (32) को भी कोलकाता से गिरफ्तार कर लिया गया।
जामताड़ा गैंग जैसी मोडस ओपेरंडी (Modus operandi)
अधिकारियों के मुताबिक, असद रज़ा का नाम 47 साइबर ठगी की शिकायतों में सामने आया है, इन सभी शिकायतों में कुल ₹1.19 करोड़ से ज्यादा की रकम लोगों से ठगी गई। वहीं रज़ा के साथ यशवंत प्रसाद, शुभम कुमार और याशिर अराफात का नाम भी करीब 124 शिकायतों में दर्ज है। इनकी ठगी करने की चाल जामताड़ा गैंग जैसी ही होती थी, फर्क सिर्फ इतना था कि ये लोग लोन या छुट्टी पैकेज का लालच देने के बजाय लोगों को हाई-रिटर्न FD, LIC और बीमा योजनाओं का झांसा देकर लोगों से पैसा ऐंठते थे।