गोपालगंज: साइबर अपराधी धोखाधड़ी करने के लिए किसी भी हद तक जाने से नहीं कतरा रहे हैं। ताजा मामला बिहार के गोपालगंज से जुड़ा हुआ है जहां साइबर अपराधियों ने जिले के एसपी अवधेश दीक्षित को ही निशाना बना लिया। ठगों ने खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय का ओएसडी बताकर कॉल और व्हाट्सएप मैसेज भेजे और जिले के कप्तान पर एक दारोगा की पोस्टिंग के लिए दबाव बनाया।
फर्जी ओएसडी बनकर किया कॉल
दरअसल पूरी घटना बीते मंगलवार की है। गोपालगंज एसपी अवधेश दीक्षित के फोन पर एक कॉल और व्हाट्सएप मैसेज आया, कॉलर ने दूसरी तरफ से खुद को मुख्यमंत्री सचिवालय का ओएसडी डॉ. गोपाल सिंह बताया और एक दारोगा को अपना करीबी बताते थानाध्यक्ष के पद पर नियुक्ति देने के लिए सिफ़ारिश की।
मामला संदिग्ध लगने पर एसपी अवधेश दीक्षित ने मामले को गंभीरता समझते हुये तुरंत साइबर थाना को जांच और मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। प्राथमिक जांच में यह स्पष्ट हो गया कि कॉल और मैसेज फर्जी थे और धोखा देने की नीयत से किए गए थे।
धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज
प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसपी के निर्देशन में साइबर क्राइम थाना प्रभारी अवंतिका दिलीप कुमार ने जांच कर किसी गैर सरकारी व्यक्ति द्वारा अधिकार क्षेत्र के बाहर जाकर पुलिस अधिकारी के अंदर भय उत्पन्न करने की पुष्टि की। पुलिस इसके पीछे किसी संगठित गिरोह के होने की संभावना से भी इंकार नहीं कर रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार साइबर थाना टीम ने इस कारनामे को अंजाम देने वाले व्यक्ति की पहचान कर मामले में प्रतिरूपण कर धोखा देने की धारा 319(2)/318(4) बीएनएस और आईटी एक्ट की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की है।
दारोगा की भूमिका संदिग्ध
इसके अलावा गोपालगंज एसपी ने इस मामले में संबन्धित दारोगा की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। एसपी अवधेश दीक्षित ने साफ कहा, ऐसी फर्जी सिफ़ारिश बर्दाश्त नहीं होगी और दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। जिसके बाद दारोगा पर भी कार्यवाही की तलवार लटक रही है। इस मामले ने पुलिस महकमे में हड़कंप मचा दिया है.