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नोएडा में साइबर ठगी का मामला, 36 दिन तक डिजिटल अरेस्ट और 3 करोड़ की चपत

On: Thursday, August 28, 2025 2:05 PM
airmen digital arrest noida
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नोएडा। उत्तर प्रदेश के नोएडा से साइबर ठगी का एक अनोखा मामला सामने आया है जिसने हर किसी को हैरान कर दिया है। साइबर ठगों ने एक रिटायर्ड एयरफोर्स अफसर और उसके परिवार को पूरे 36 दिनों तक डिजिटल अरेस्ट में रखा और इस दौरान ठगों द्वारा उनसे 3.21 करोड़ रुपये की ठगी कर ली गयी ।

कैसे शुरू हुआ डिजिटल अरेस्ट?

सेक्टर-25, नोएडा के रहने वाले सुबीर मित्रा एक रिटायर्ड एयरफोर्स कर्मी हैं।  सुबीर मित्रा को 18 जुलाई को एक फोन कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया। उसने आरोप लगाया कि उनके आधार नंबर का इस्तेमाल अवैध विज्ञापन भेजने और आपत्तिजनक वीडियो फैलाने में हुआ है। इसके बाद कॉलर ने उन्हें मुंबई क्राइम ब्रांच से संपर्क करने के लिए कहा। यहीं से पीड़ित के साथ ठगी की कहानी शुरू हो गई।

मुंबई क्राइम ब्रांच बनकर डराया

साइबर अपराधियों ने मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर सुबीर मित्रा से संपर्क किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके आधार कार्ड का इस्तेमाल देश में अवैध धन लाने और नरेश गोयल केस में हुआ है। इतना ही नहीं, पीड़ित को यह भी कहा गया कि उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुका है।

साइबर ठगो की बातों से घबराकर पीड़ित परिवार उनकी सारी शर्तों को मानता गया। ठगों ने सुबीर की पत्नी और बेटी को 24 घंटे व्‍हॉट्सऐप वीडियो कॉल पर रखा, कॉल के दौरान उन्हें किसी से मिलने-जुलने या बाहर जाने की अनुमति नहीं थी। पुलिस पूरे मामले को डिजिटल अरेस्ट से जुड़ा हुआ बता रही है।

नकली कोर्ट और जज भी लाए सामने

साइबर ठग इतनी चालाकी से काम कर रहे थे कि उन्होंने पीड़ित परिवार को व्‍हॉट्सऐप वीडियो कॉल के जरिये एक नकली PMLA कोर्ट (Prevention of Money Laundering Act) के फर्जी जज के सामने भी पेश करवाया। वीडियो कॉल पर जज बने ठग ने बताया कि उनका मामला गंभीर है और अगर वे सहयोग नहीं करेंगे तो उन्हें जेल जाना पड़ेगा।

इसी डर और दबाव के चलते सुबीर मित्रा ने ठगो के कहने पर अपने बैंक अकाउंट और म्यूचुअल फंड से कुल 3 करोड़ 21 लाख की रकम अलग अलग खातों में ट्रांसफर कर दी।

36 दिन तक बंधक बना रहा पूरा परिवार

पीड़ित ने पुलिस को जानकारी देते हुये बताया कि उन्हें 16 जुलाई 2025 से लेकर 22 अगस्त 2025 तक लगातार डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। इन 36 दिनों में वह हर समय ठगों की निगरानी में रहे। घर से बाहर जाने, किसी रिश्तेदार से बात करने या पुलिस को सूचना देने तक की भी इजाजत नहीं दी गई। जब पीड़ित परिवार को ठगी का एहसास हुआ तो सुबीर मित्रा की बेटी ने साहस जुटाकर सेक्टर-36 साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई।

पुलिस जांच में जुटी

शिकायत मिलते ही साइबर क्राइम पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नोएडा और आसपास डिजिटल अरेस्ट करके ठगी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इस नए तरीके से अपराधी लोगों को मनोवैज्ञानिक दबाव बनाकर उनसे करोड़ों की रकम ऐंठ रहे हैं। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि ऐसे कॉल या वीडियो कॉल आने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत करें और किसी भी हाल में डरकर अपने पैसे ट्रांसफर न करें।

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