सरकार ने फर्जी कॉल पर लगाम लगाने के लिए वर्ष 2024 में चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) लांच किया था। जिसके बावजूद भी फर्जी नंबरों से कॉल और मैसेज आने में कोई खास कमी नहीं आयी है। इस तरह के फ्रॉड कॉल समय के साथ तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसके फलस्वरूप बड़ी संख्या में लोग इनका शिकार हो रहे हैं। साल 2024 में TRAI (भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण) ने ऐसी ही फर्जी कॉल्स और एसएमएस पर लगाम लगाने के लिए एक नीति बनाई थी। जिसमें स्पैम कॉल और एसएमएस को टेलीकॉम ऑपरेटर स्तर पर ही ब्लॉक करने का प्रावधान है।
एआई तकनीक से रोकी जा रही फर्जी कॉल
एआई (Artificial Intelligence) के बढ़ते चलन को देखते हुए कई टेलिकॉम कंपनियां इन फर्जी कॉल्स और मैसेज को एआई तकनीक का इस्तेमाल कर रोकने की दिशा में काम कर रही हैं। AIRTEL के ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, कंपनी द्वारा हर महीने लाखों स्पैम और फर्जी कॉल्स को ब्लॉक किया जा रहा है। फिर भी कंपनी और सरकारी निगरानी के बाद भी साइबर ठग नए तरीकों से लोगों को ठगने का प्रयास कर रहे हैं। जिससे सरकार की चिंता बढ़ गई है।
साइबर ठग अब इंटरनेट के माध्यम से की जाने वाली कॉल VoIP (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) का इस्तेमाल कर लोगों के साथ ठगी करने का काम कर रहे हैं। सुरक्षा एजेंसियों को VoIP से होने वाली कॉल को ट्रेस करने और यूजर का पता लगाने में काफी कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
विदेशी टेलीकॉम रेगुलेटरी NBTC ने चिंता व्यक्त की
थाईलैंड की टेलीकॉम रेगुलेटरी (नेशनल ब्रॉडकास्ट टेलीकॉम कमीशन) के मुताबिक जो कॉल्स +697 या +698 जैसे नंबरों से आती हैं। इस तरह की सभी कॉल्स साइबर अपराधियों द्वारा VoIP (वॉयस ओवर इंटरनेट प्रोटोकॉल) के माध्यम से की जाती हैं। जिन्हें बारे में जानकारी कर पाना सामान्य कॉल की तुलना में काफी मुश्किल होता है। इसी कारण से साइबर ठग इनका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। इंटरनेट पर ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं जो इस तरह की कॉल करने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं।
इसके अलावा साइबर अपराधी ठगी को अंजाम देने के लिए फर्जी कॉल करने को VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का सहारा भी लेते हैं । जिससे उनकी असली पहचान किसी के सामने नहीं आती। VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का इस्तेमाल करने से साइबर अपराधी अपनी वास्तविक लोकेशन को छिपा लेते हैं और उन्हें ट्रेस करना उतना आसान नहीं होता जितना एक सामान्य कॉल को।
खुद को फ्रॉड से बचाने के लिए अगर आपके पास +697 या +698 नंबरों से कॉल आता है तो इन कॉल को नजरअंदाज करना ही बेहतर विकल्प है। क्योंकि इस तरह के कॉल फेक कॉल होते हैं । अगर आपने किसी वजह से धोखे से इस तरह के कॉल को रिसीव कर लिया है तो बिल्कुल भी अपनी निजी जानकारी साझा न करें।
फर्जी नंबरों की चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) पर कैसे करें शिकायत
भारत सरकार ने इस तरह की फेक कॉल और एसएमएस की बढ़ती शिकायतों को देखते हुए 25 मार्च 2024 को चक्षु पोर्टल (Chakshu Portal) लॉन्च किया था, यह पोर्टल लोगों को फर्जी कॉल, एसएमएस, और व्हाट्सएप मैसेज को रिपोर्ट करने की सुविधा उपलब्ध कराता है, जिससे वे साइबर ठगी और वित्तीय धोखाधड़ी से होने वाले आर्थिक नुकसान से बच सकें। रिपोर्ट होने वाले फोन कॉल, संदेशों की TRAI समीक्षा करता है और धोखा देने वाले नंबरों को चिह्नित करता है ।

इसके अलावा फर्जी नंबरों को संचार साथी पोर्टल के एप के माध्यम से भी रिपोर्ट किया जा सकता है । इस पर आप कुछ ही आसान स्टेप्स में फेक नंबर और एसएमएस का विवरण भरकर शिकायत दर्ज कर सकते हैं । इस सुविधा का आप उपयोग कर खुद को और दूसरों को साइबर ठगी से बचाने में मदद कर सकते हैं।