देश में बढ़ता साइबर अपराध आज सिर्फ आम लोगों के लिए ही नहीं, बल्कि बड़ी हस्तियों के लिए भी सिरदर्द बन चुका है। इसका ताजा उदाहरण राज्यसभा सांसद और समाजसेवी सुधा मूर्ति हैं, जो एक बड़े साइबर फ्रॉड का शिकार होते-होते बच गईं। आईटी सेक्टर की बड़ी कंपनी INFOSYS की चेयरपर्सन और कंपनी के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी को हाल ही में एक फर्जी कॉल आया, जिसमें उन्हें फोन बंद कराने के नाम पर डराने और ठगी की कोशिश की गई।
आधार कार्ड से नंबर जोड़ने का बनाया बहाना
साइबर ठग ने सुधा मूर्ति से बातचीत के दौरान बताया कि एक नंबर से इंटरनेट पर अश्लील सामग्री इंटरनेट पर डाली जा रही है। यह नंबर उन्हीं के आधार कार्ड से लिंक है। ठग की यह बात सुनकर सुधा मूर्ति हैरान रह गयी। उन्होंने समझदारी का परिचय देते हुये तत्काल पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
कॉलर ने खुद को बताया DOT अधिकारी
सुधा मूर्ति को बीते 5 सितंबर को एक कॉल आया जिसमें कालर ने खुद को डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) का अधिकारी बताया। साइबर ठग ने सुधा मूर्ति से उनके मोबाइल द्वारा इंटरनेट पर अश्लील वीडियो फैलाये जाने की बात कही। ठग ने आगे धमकी देते हुये यह भी कहा कि अगर तुमने मेरी बात नहीं मानी तो कुछ ही देर में आपका नंबर बंद कर दिया जाएगा। भ्रमित करने के लिए ठग ने True Caller पर अपना नाम टेलीकॉम विभाग के नाम से सेव कर रखा था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर शुरू की जांच
मामला हाई प्रोफाइल होने के कारण पुलिस ने पीड़ित की शिकायत पर आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सुधा मूर्ति द्वारा पूरे मामले को लेकर साइबर क्राइम थाना बेंगलुरु में अपनी शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस आरोपी का पता लगाकर गिरफ्तार करने की कोशिश कर रही है।
क्या हैं साइबर फ्रॉड बढ़ने के कारण
साइबर ठगों के लिए जागरूकता की कमी की वजह से आम लोगो को ठगना आसान हो गया है। पर्याप्त जानकारी न होने और साइबर लिटेरसी के अभाव में आमजन ठगो की बातों में आकर अपना नुकसान करा बैठते हैं । इसके अलावा साइबर अपराधी भी ठगी के नए नए तरीके खोजते रहते हैं। जिससे की लोगों को आसानी से अपना निशाना बना सके।
बचाव के तरीके
1.कॉल पर अपनी निजी जानकारी, OTP, पासवर्ड या PIN किसी को भी न बताएं।
2. याद रखें, सरकारी विभाग या बैंक कभी भी OTP या पासवर्ड नहीं मांगते।
3. अगर कोई खुद को सरकारी कर्मचारी बताकर धमकी या प्रलोभन दे, तो उसकी बात पर भरोसा न करें।
4. कॉलर आईडी पर दिखने वाले नाम पर भरोसा न करें, ये आसानी से बदले जा सकते हैं।
5. हमेशा सही हेल्पलाइन या ग्राहक सेवा नंबर पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज करें।